पियाजे के अनुसार बौद्धिक/संज्ञात्मक विकास की अवस्थाएं
ट्रिक - सबने पूजी मूर्ति आपकी
1.समवेदी प्रेरक अवस्था -0 से 2 वर्ष
2.पूर्व सन्क्रियात्मक अवस्था-2से 7 वर्ष
3.मूर्त सन्क्रियात्मक अवस्था -7 से 11 वर्ष
4.औपचारिक सन्क्रियात्मक अवस्था-11 से 15 वर्ष
बुद्धि के सिद्धांत और उनके प्रतिपादक –
एक खण्ड का /निरंकुशवादी सिद्धांत (1911) – बिने, टरमन व स्टर्न
द्वि खण्ड का सिद्धांत (1904) – स्पीयरमैन
तीन खण्ड का सिद्धांत – स्पीयरमैन
बहु खण्ड का सिद्धांत – थार्नडाईक
समूह कारक सिद्धांत – थर्स्टन व कैली
बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने का सूत्र –
बुद्धि लब्धि (I.Q.) = मानसिक आयु (M.A.)/वास्तविक आयु (C.A.)×100
बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का प्रतिपादक – विलियम स्टर्न (1912)
बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का सर्वप्रथम प्रयोग – (1916)
बुद्धि लब्धि (Intelligent Quotient) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – टरमन
मानसिक आयु (Mental Age) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – बिने (1908)
वैयक्तिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –
बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण – बिने & थियोडर साइमन (1905,1908,1911)
स्टेनफोर्ड-बिने स्केल – स्टेनफोर्ड वि.वि. में बिने द्वारा (1916,1937,1960)
वैयक्तिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –
पोर्टियस भूल-भूलैया परीक्षण – एस. डी. पोर्टियस (1924)
वैश्लर-वैल्यूब बुद्धि परीक्षण – डी. वैश्लवर (1944,1955)
सामूहिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –
आर्मी अल्फ़ा परीक्षण – आर्थर एस. ओटिस (1917)
सेना सामान्य वर्गीकरण (A.G.C.T.) – (1945)
सामूहिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –
आर्मी बीटा परीक्षण – आर्थर एस. ओटिस (1919)
शिकागो क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण – 6 वर्ष से वयस्कों की बुद्धि का मापन
‘हिन्दुस्तानी क्रिया परीक्षण’ – (1922)