नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सेना में भर्ती के
लिए आयोजित रैलियों में भारी भीड़ जैसी स्थिति को टालने के
लिए करीब एक साल से ऑनलाइन आवदेन प्राप्त किए जा रहे हैं।
पर्रिकर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि पहले रैली में भारी भीड़ के कारण उन पर काबू पाना एक समस्या बन जाती थी।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए 18 जुलाई 2015 से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है जिससे भीड़ पर काबू पाने में
खासी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि विगत में सेना की भर्ती रैलियों में एकत्र भीड़ को काबू के लिए लाठीचार्ज या आंसूगैस के गोले के उपयोग की नौबत आ जाती थी।
उन्होंने कहा कि ऐसी भर्ती रैलियों में हर जिलों को शामिल किया
जाता है। इस संबंध में पर्याप्त समय दिए जाने के सुझाव पर उन्होंने कहा कि आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया दो महीना पहले शुरू की जाती है। कुछ सदस्यों ने इस बात की ओर उनका ध्यान खींचा कि कई स्थानों पर आनलाइन सुविधा नहीं होती है। इस पर पर्रिकर ने कहा कि सदस्यों द्वारा इस संबंध में विशिष्ट जानकारी देने पर वहां आनलाइन आवेदन की सुविधा मुहैया करायी जा सकती है।
पर्रिकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जवानों के लिए पुनर्वास पाठ्यक्रमों को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया था ताकि पाठ्यक्रमों को दक्षता विकास से संबंधित सरकार के नए मानदंडों के अनुरूप बनाया जा सके। उन्होंेने कहा कि पुनर्वास पाठ्यक्रमों को दोबारा शुरू करने के लिए पहले ही निर्णय ले लिया गया है।
उन्होंने कहा कि हर साल 40 से 50 हजार के बीच सैन्यकर्मी सेवानिवृत्त होते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में जवानों के पुनर्वास के लिए सरकार गंभीर है और उनके पुनर्वास पाठ्यक्रम में कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है।