BPSC Teacher Recruitment 2023: बिहार 1.70 लाख शिक्षक भर्ती परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने शुक्रवार को यह घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षक भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों की पात्रता के मुद्दे पर कहा कि आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थी एग्जाम में बैठने के योग्य हैं। परीक्षा के वक्त हम अभ्यर्थी की पात्रता की जांच नहीं करते। डॉक्यूमेंट वेरिफिक्शन के वक्त उनकी योग्यता जांच करते हैं। स्वघोषणा आधारित जो भी तथ्य उन्होंने प्रस्तुत किया है, उस आधार पर उनका एडमिट जारी किया जाएगा। अभ्यर्थियों की पात्रता पर एनसीटीई और राज्य सरकार फैसला लेंगे। शिक्षक भर्ती परीक्षा तय समय ( 24-26 अगस्त ) पर ही होगी, अभ्यर्थी तैयार रहें।
बीपीएससी चेयरमैन ने कहा कि जब तक एनसीटीई नई गाइडलाइन जारी नहीं करती है तब तक बीएड सर्टिफिकेट वाले परीक्षा देने के लिए योग्य हैं, पर परीक्षाफल पर उनका अधिकार नहीं है। बीएड योग्यताधारी शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए योग्य है पर परीक्षाफल के लिए योग्य है या नहीं यह नई एनसीटीई गाइडलाइन से तय होगा। एनसीटीई नई गाईडललाइन के मुताबिक ही रिजल्ट जारी होगा।
बीएड योग्यताधारी को भी एग्जाम में शामिल होने का अधिकार
अतुल प्रसाद ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के पेज 45 पर साफ लिखा है कि जब एनसीटीई का आदेश प्रभावी था तो आवेदन लेना गलत नहीं है। राजस्थान सरकार ने आवेदन नहीं लिया वो गलत था। हमारे मामले में भी ऐसा ही है। 11 अगस्त से पहले एनसीटीई का आदेश प्रभावी था। इसमें बीएड योग्यताधारी को भी शामिल होने का अधिकार है। परीक्षाफल पर उनका अधिकार नहीं है। एनसीटीई की जो नई गाइडलाइंस आएंगी, उसी आधार पर रिजल्ट जारी किया जाएगा। इस बात का जिक्र विज्ञापन में भी है कि एनसीटीई से परामर्श से राज्य सरकार जो निर्णय करेगी, वही मान्य होगा।'
3 लाख 80 हजार डिप्लोमाधारी
उन्होंने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त संख्या में योग्यताधारी हैं तो परीक्षा रद्द करने का क्या मतलब है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों के अधिकार का हनन नहीं करेंगे । 3 लाख 80 हजार डिप्लोमाधारी अभ्यर्थी हमारे पास हैं। ये हमारी वैकेंसी से 5 गुणा है। इस बीच बीएड वाले सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकतें हैं और आगे माननीय कोर्ट का कोई नया फैसला आता है तो उस अनुसार रिजल्ट घोषित किया जाएगा।'
अतुल प्रसाद ने कहा, ' बीएड अभ्यर्थी पात्र हैं या नहीं, इस पर बीपीएससी को भी संशय है। अगर संशय बना रहा और उनका रिजल्ट रोककर रखा गया तो उनका चांस विफल नहीं माना जाएगा। उनका तीन चांस बना रहेगा।'
दो चरणों में जारी होगा परिणाम :
अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट दो चरणों में जारी किया जाएगा। पहले चरण में एक से पांचवीं कक्षा के लिए आवेदन करने वाले डीएलएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया जाएगा। इनके साथ ही माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के अभ्यर्थियों का रिजल्ट 25 सितंबर तक जारी कर दिया जाएगा। एक से पांचवीं कक्षा के लिए आवेदन करने वाले डीएलएड अभ्यर्थियों की संख्या तीन लाख 80 हजार है। इसमें सभी राज्यों के उम्मीदवार शामिल है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा पर कोई रोक नहीं लगायी है। एक से पांचवीं कक्षा की परीक्षा में डीएलएड और बीएड दोनों के अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसमें कोई संशय नहीं है। हालांकि, एक से पांचवीं कक्षा के लिए आवेदन करने वाले बीएड उम्मीदवारों का रिजल्ट पहले चरण में घोषित नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्णय आने के बाद ही इनका रिजल्ट जारी किया जाएगा। इनके लिए रिक्त पदों को सुरक्षित रखा जाएगा। एक से पांचवीं के लिए आवेदन करने वाले बीएड अभ्यर्थियों की संख्या तीन लाख 90 हजार है। इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज होगी
आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। कई स्तरों पर अभ्यर्थियों की जांच की जाएगी। बायोमेट्रिक उपस्थिति भी दर्ज होगी। इसके अलावा आंख की पुतली का मिलान करने के साथ एडमिड कार्ड का भी मिलान किया जाएगा। प्रवेश पत्र दो दिनों के बाद डाउनलोड किया जा सकता है।
एक घंटा पहले गेट बंद हो जाएगा।
अतुल प्रसाद ने कहा कि प्रश्न पत्र तैयार हो चुके हैं। परीक्षा कदाचार मुक्त होगी। इसके लिए बायोमेट्रिक ऑब्जरवर्स की भी व्यवस्था की गई है। एक घंटा पहले एग्जाम सेंटर का गेट बंद कर दिया जाएगा। परीक्षार्थी के समक्ष ही क्वेशचन पेपर का लिफाफा फाड़ा जाएगा। परीक्षा के बाद अलग तरह से कॉपी सील की जाएगी, ताकि उसमें किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं किया जा सके। परीक्षार्थियों से ढाई घंटा पहले पहुंचने के लिए कहा गया है। जांच-पड़ताल के बाद एक घंटे पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा। समय से नहीं आनेवाले छात्रों को परीक्षा केन्द्र में जाने की अनुमित नहीं दी जाएगी। परीक्षा में ऑर्ब्जवर के तौर पर सचिव स्तर के अधिकारियों को रखने का अनुरोध किया गया है।