अलंकार की कविता : अलंकार की परिभाषा कविता के माध्यम से रट लो,भूलेगी नही
बार-बार एक वर्ण जो आए अनुप्रास की भाषा ।
और यमक में जोड़ा आकर अलग अर्थ दर्शाता ।।
और श्लेष में एक शब्द के अर्थ अनेको भाई ।
अतिशयोक्ति में बढ़ा चढ़ाकर छोटी बात बताई ।।
चरण कमल एक रूप मानकर रूपके की परिभाषा ।
सा, सी, से, सम ,सरिस, मान लो उपमा जी की आशा ।।
उत्प्रेक्षा संकेत समझ लो मनु,मानो, जनु जानो।
दो चीजों में भ्रम पैदा हो भ्रांति मान पहचानो।।